… क्यूंकि आज यूँ ही मेरा दिल फिर ऐसी बारिश के लिए बेचैन हो गया।
आजकल मेरे बचपन के शहर धनबाद में फिर वैसी ही बारिश हो रही है जैसे सियार का ब्याह हो रहा हो। हाँ, आपने ठीक पढ़ा। हमने तो अपने बचपन ये कहावत खूब सुना था। दादी कहा करती थी – जब धूप में बारिश होती थी तो कहीं दूर जंगल में सियार का ब्याह हो रहा होता है।या यह समझ लीजिये, जब सूरज बादलों के बीच से कहीं झाँक रहा हो और खिली धूप में बस थोडी देर के लिए जोर दार बारिश हो जाये तो उसे सियार का ब्याह होना कहते है।

सिर्फ दादी ही नहीं, मैंने कई लोगों को यही कहते सुना है।और उसके बाद इन्द्रधनुष भी दिखता था। मानो जैसे दुल्हन के लिए बहुभात का आयोजन प्रकृति ने स्वयं ही कर दिया हो। उन दिनों ऐसे मंज़र से ज्यादा खूबसूरत और कुछ नहीं हुआ करता था। पल छीन में बरसात, बादल, धूप, सूरज और इन्द्रधनुष सब देख कर सारी इंद्रियां तृप्त और मन प्रसन्न हो जाया करता था।
फिर कभी-कभार जब हम चारों बहनों को छत पर एक साथ आसमान में दो इंद्रधनुष दिख जाया करता था तो ऐसा लगता है कि जैसे हमें कुबेर का खज़ाना मिल गया हो। आप सोच रहे होंगे ऐसा भला क्यों ? क्यूंकि हमनें कभी किसी को यूँ कहते सुना था – अगर एक साथ दो इंद्रधनुष दिख जाये तो तुरंत किसी कपड़े के टुकड़े में गांठ बांध कर कामना करने से वो कामना पूरी हो जाती है। ऐसा कर के हम चारों बहनों ने न जाने घर की कितनी ही चुन्नियों और रूमालों के कोनों में गांठ बाँधा होगा।अब यह तो मेरी माँ ही बता सकती है क्यूंकि वह आज तक इन गांठों का रहस्य नहीं समझ पायीं। और न हम चारों को यह याद है कि गांठ बांध कर हमारी कितनी मनोकामनाएं अब तक पूरी हुई हैं।

सियार का ब्याह क्यूँ कहा जाता था ये आज तक मालूम नहीं कर पाए – न हम और और न कोई और। ऐसा था हमारा बचपन और उसकी बारिशें।
(बारिशों के पानी, बचपन की यादों और हज़ारों अधूरी ख़्वाहिशों को सप्रेम समर्पित। क्यूंकि यह तीनों ही असंख्येय, अविस्मरणीय और अमूर्त हैं। Pictures provided by my sister Shruti from her recent Dhanbad trip; written by Shillpi | शिल्पी)
Bahut hi sundar baarish ki yadein, ❤️
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Thank you, Anshu
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Bahut khoob Shilpi!
You made me remember my childhood too!
Stay blessed and stay inspired!
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हृदय के अन्तः तल से आभार।
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The difference between your writing and our writing is no less than Asha Ji’s “Choti si kahani si, baarishon ki paani ti” and Anu Malik’s “Dekho baarish ho rahi hai, Mera Dil ro raha hai, it’s raining raining raining”…Made my Saturday special, t’was Dhanbad days again!!
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हृदय के अन्तःतल से आभार।
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Shilpi is back touching souls 😍 For whatever it’s worth, will start tying knots for my own unfulfilled wishes 🙂
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Thank you so much, Anu!
Lots and lots of love to you.
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