अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन

आयोजन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री दुर्गा शंकर मिश्र, ले. जनरल श्रीकृष्ण सिंह, वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज मिश्र, लेखक श्री गौतम चौबे, संपादक श्री मनोज भावुक को भोजपुरी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली। 22 फरवरी: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली, में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। यह भोजपुरी समाज दिल्ली एवं विश्व भोजपुरी सम्मेलन संस्था की दिल्ली इकाई के संयुक्त तत्वावधान में ‘भोजपुरी-हमार माँ’-मनन मंथन और मंतव्य शीर्षक से आयोजित किया गया। इस विचार गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, पूर्व सैन्य उप प्रमुख ले. जनरल एस के सिंह, वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र जी उपस्थित रहें। इस विचार गोष्ठी में विश्व भोजपुरी सम्मेलन संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत दुबे ने बीज वक्तव्य दिया।

विश्व भोजपुरी सम्मेलन दिल्ली इकाई के अध्यक्ष श्री विनय मणि त्रिपाठी ने आगंतुकों का शाब्दिक स्वागत किया। विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजीत दुबे ने अपने वक्तव्य के दौरान भोजपुरी की वास्तविक स्थिति प्रस्तुत करते हुए कहा कि “विगत कुछ समय में भोजपुरी के लिए ऐतिहासिक काम हुआ है। मॉरीशस के 250 सरकारी स्कूलों में भोजपुरी की पढ़ाई शुरू हो गई। मॉरीशस सरकार के अनुरोध पर यूनेस्को ने एक दिसंबर 2016 को कुछ भोजपुरी लोकगीतों को सांस्कृतिक धरोहर में सम्मिलित कर लिया, मगर 5 बार आश्वासन मिलने के बाद भी भोजपुरी को संविधान में स्थान नहीं मिला। यह सोचनीय और चिंतनीय है। ये सरकार, जो सबका साथ सबका विकास नारा दे रही है, वह अपने कर्म से बता रही है कि भोजपुरी का भी कल्याण होगा। इसके लिए सरकार को अपनी इच्छा शक्ति को बढ़ाना पड़ेगा और भोजपुरी को संविधान में सम्मिलित करना पड़ेगा। आज भोजपुरी गर्व का विषय है।”

वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा, “भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता मिले, हम उसी हक में हैं। भोजपुरी अतिशीघ्र संविधान में सम्मिलित किया जाए।” अगले वक्ता के रूप में श्री दुर्गा शंकर मिश्र जी ने कहा कि “भोजपुरी के अगर आगे बढ़ावे के बा तो युवा लोग के आगे आने के पड़ी। अपनी भाषा को नहीं भूलना चाहिए। भोजपुरी की नींव बहुत मजबूत है, बस, अब महल बनाने की ही आवश्यकता है। ने कहा कि भोजपुरी के लिए विडंबना यह है कि देश से बाहर तो भोजपुरी को खूब मान मिल रहा है और अपने ही घर में संविधान में सम्मिलित होने के लिए तड़प रही है।”

पूरे कार्यक्रम का संचालन विजय बहादुर सिंह ने किया। इस आयोजन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री दुर्गा शंकर मिश्र, ले. जनरल श्रीकृष्ण सिंह, वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज मिश्र, लेखक श्री गौतम चौबे, संपादक श्री मनोज भावुक को भोजपुरी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। आयोजन में भोजपुरी राष्ट्रीय गीत बटोहिया की प्रस्तुति लोक गायिका सीमा तिवारी एवं उनकी टीम द्वारा किया गया। खचाखच भरे-पूरे हॉल में इस गीत को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। इस आयोजन में वरिष्ठ नाट्यकार, महेंद्र सिंह, लोक गायिका सीमा तिवारी, अरविंद दुबे, जलज मिश्र, सत्येंद्र त्रिपाठी सहित काफ़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

लेखक श्री गौतम चौबे एवं संपादक श्री मनोज भावुक को भोजपुरी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।
आयोजन में गौतम जी की पत्नी इन्द्राणी नीलिमा भी उपस्थित थी।

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